Bali phlwan

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उम्र बर्बाद कर रखी है




उम्र बर्बाद कर रखी है

सिने में पत्थर जुबा पर  खामोशियाँ  पाल रखी है।
मैंने अपने ही हाथों से मेरी दुनियाँ  उजाड़ रखी है।

मेरी मोहोब्बत  की परछाई छुपा कर रखी है एक 
चेहरें कि ख़ातिर मेरी सारी उम्र बर्बाद कर रखी है।

नशेड़ी सा शौकिन था मैं शराब का अब होश में
रहने के लिए  कुल्लड़  में  थोड़ी सी चाय रखी है।  

बस एक  चीज़ अपने  पास  रखी है  जेब में मेरे
यार की तस्वीर संभाल  कर दिल के पास रखी है।

बस एक बार मिलने की ख्वाहिश पूरी हो जाये
इसलिए  चंद साँसे  अपने पास  बचाकर रखी है।

            *बाली पहलवान*

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3 Comments

PHOENIX

09-Apr-2022 11:46 PM

वाह बाली पहलवान वाह

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Swati chourasia

09-Apr-2022 07:04 PM

बहुत ही सुंदर रचना 👌

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Gunjan Kamal

09-Apr-2022 06:37 PM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌🙏🏻

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